हरियाणा के मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने आज यहां नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग, हरियाणा के सहयोग से ‘शहरी नियोजन’ के लिए उच्च स्तरीय समिति (एचएलसी) द्वारा आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। कॉन्क्लेव में भारत सरकार और राज्य सरकार के विभागों के ब्यूरोक्रेट्स और टेक्नोक्रेट्स सहित 100 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।
इस कॉन्क्लेव का उद्देश्य शहरी नियोजन, सार्वजनिक निजी भागीदारी, टीओडी, टीडीआर और किफायती आवास पर हरियाणा राज्य की विशिष्ट पहलों और नीतियों के बारे में हितधारकों के साथ विचार-विमर्श करना और देश के अन्य भागों के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुभवों को साझा करना है। कॉन्क्लेव का लक्ष्य विचार-विमर्श के आधार पर हरियाणा में शहरीकरण के लिए भविष्य का रोडमैप तय करना है।
कॉन्क्लेव के दौरान एचएलसी, एमओएचयूए, नीति आयोग, भारतीय मानव निपटान संस्थान (आईआईएचएस), जैसे शैक्षणिक संस्थानों के वक्ता; एसपीए, सीईपीटी, चंडीगढ़ कॉलेज ऑफ आर्किटेक्चर (सीसीए), हरेरा, इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन फाइनेंस एंड गवर्नेंस, पुणे और जीआईजेड आदि ने शहरी नियोजन से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर प्रस्तुति दी और देश और विदेश भर में अपने अनुभव और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा किया।
पहले दिन चार तकनीकी सत्र आयोजित किये गये। प्रथम सत्र की अध्यक्षता एचएलसी के चेयरमैन श्री केशव वर्मा, आईएएस (सेवानिवृत्त) ने की। सत्र का विषय ‘शहरी नियोजन की क्षमता वृद्धि’ था। हरियाणा टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के निदेशक श्री अमित खत्री; डॉ. पी.एस.एन.राव, डीन (पी एंड डी), एसपीए नई दिल्ली और नीति आयोग की विशेषज्ञ शहरी विकास सुश्री अंशिका गुप्ता द्वारा सेशन में प्रस्तुतियाँ दी गईं।
दूसरे सत्र की अध्यक्षता डॉ. पी.एस.एन. ने की। सत्र का विषय ‘हरियाणा संदर्भ- वैधानिक रूपरेखा और अधिकारियों की भूमिका’ था। हरेरा, गुरुग्राम के अध्यक्ष श्री अरुण कुमार, पंचकुला के अध्यक्ष श्री परनीत सिंह सचदेव, श्री डी.एन. निम्बोकर, सीसीपी (एनसीआर), हरियाणा और श्री जितेंद्र सिहाग, सीटीपी (आईटी एंड एम), हरियाणा ने सेशन में प्रस्तुतियाँ दी।
तीसरे तकनीकी सत्र की अध्यक्षता हरेरा के मेम्बर श्री. वी.के. गोयल ने की। सत्र का विषय ‘हरियाणा में शहरी विकास में सार्वजनिक निजी भागीदारी’ था। श्री संजय कुमार, एसटीपी, नगर एवं ग्राम योजना विभाग, हरियाणा, जेबीएम की अध्यक्ष श्री विनय माहेश्वरी, नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग, हरियाणा के डीटीपी नरेंद्र कुमार व सुश्री दिव्या डोगरा ने सेशन में श्री द्वारा प्रस्तुतियाँ दी ।
चौथे सत्र की अध्यक्षता डॉ. पी.एस.एन. राव डीन (पी एंड डी) एसपीए, नई दिल्ली ने की। इस सत्र का विषय ‘शहरी वित्त और संस्थागत तंत्र को मजबूत करना’ था। श्री रविकांत जोशी, सलाहकार, शहरी वित्त और शासन, पुणे; श्री केशव वर्मा और श्री प्रभात कुमार, जनाग्रह, सेंटर फॉर सिटीजनशिप एंड डेमोक्रेसी द्वारा सत्र के दौरान प्रस्तुतियाँ दी गईं।
सभी संबंधित विभागों/एजेंसियों जैसे डीयूएलबी, एचएसवीपी, जीएमडीए, एफएमडीए, पीएमडीए, एसएमडीए, एचएमआरटीसी, एचआरईआरए आदि के प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, टाउन प्लानर्स और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने अपने विभाग/एजेंसी की सर्वोत्तम कार्यप्रणाली और उपलब्धियों को साझा किया।
केंद्रीय आवास और शहरी मामले मंत्रालय के तत्वावधान में ‘शहरी नियोजन’ के लिए उच्च-स्तरीय समिति (एचएलसी) का गठन किया गया था। केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा अपने बजट भाषण 2022-23 में ‘शहरी नियोजन’ के लिए उच्च-स्तरीय समिति के गठन का रोडमैप तैयार किया गया था।
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