कैसे करें दिवाली पूजा – दिवाली के लिए हैं इस बार पूजा के कई महूर्त
दिवाली के लिए हैं इस बार पूजा के कई महूर्त
कल मनाया जायेगा दिवाली पर्व और इस दिन महालक्ष्मी कि पूजा करने का विधान है, पुराणों के अनुसार कार्तिक माह कि अमावस्या को समुद्र मंथन में लक्ष्मी जी प्रकट हुई थीं, जिससे कि इस दिन महालक्ष्मी पूजा और दिवाली का उत्सव मनाया जाता है। इस दिन दीपदान करने का भी विशेष महत्व है, क्योंकि दीपदान करने से न केवल मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है, बल्कि हमारे सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। लक्ष्मी पूजा से पहले कलश, भगवान गणेश, विष्णु और मां सरस्वती कि पूजा का विधान है।
पूजा करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है।
– लक्ष्मी पूजा से पहले पूरे घर कि सफाई करें और घर में शुद्धि के लिए गंगाजल का छिड़काव करें। घर के मुख द्वार पर रंगोली बनायें और वंदनवार लगाएं।
– अब पूजा घर को साफ करके एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछा कर लक्ष्मी, गणेश और सरस्वती की मूर्तियां रखें या दीवार पर फोटो पेस्ट करें। चौकी के पास जल से भरा एक कलश रखें।
– इस बात का ध्यान रखें कि लक्ष्मी जी की मूर्ति गणेश जी के दायीं और होनी चाहिए।
– पूजा करते समय मूर्तियों या फोटो के सामने बैठें।
– माता लक्ष्मी, गणेश और सरस्वती को तिलक लगाएं और दीपक जला कर जल, मौली, चावल, फल, गुड़, हल्दी, फूल और कुमकुम आदि अर्पित करें।
– मां लक्ष्मी का पूजन सारे परिवार को एकत्रित हो कर करना चाहिए था मां लक्ष्मी की आरती करनी चाहिए।
– मां लक्ष्मी की पूजा के बाद तिजोरी, बहीखाते और व्यापारिक उपकरण की पूजा करें।
– पूजा के बाद जरूरतमंदों को मिठाई और दक्षिणा दें।
– दिवाली पर पूर्वजों का पूजन करें और उन्हें भी धूप एवं भोग अर्पित करें।
मां लक्ष्मी पूजा दिवाली के दिन महूर्त इस प्रकार रहेंगे –
घर
सांय 5.34 से रात 8.10 तक
ऑफिस
सुबह 11.20 से दोपहर 1.27 तक
दोपहर 2.50 से शाम 4.20 तक
दुकान
दोपहर 2.50 से शाम 4.20 तक
सांय 5.34 से रात 8.10 तक
फैक्ट्री
सुबह 9 बजे से 11.19 तक
रात्रि 11.40 से 12 . 31 तक