चंडीगढ़। बैंक कर्मचारियों की पिछले लंबे समय से लटक रही मांगों के विरोध में यूनाईटिड फोरम आफ बैंक यूनियन यूएफबीयू के बैनर तले देश के अन्य हिस्सों की तर्ज पर हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ के हजारों बैंक कर्मचारी 31 जनवरी और 1 फरवरी को देशव्यापी दो दिवसीय हड़ताल पर जाएंगे।
इस हड़ताल को आल इंडिया बैंक इंप्लाइज, आल इंडिया बैंक आफिसर्स कानफैडरेशन, इंडियन कानफैडरेशन आफ बैंक इंप्लाइज, आल इंडिया बैंक आफिसर्स एसोसिएशन, बैंक इंप्लाइज फैडरेशन आफ इंडिया, इंडियन नेशनल बैंक इंप्लाइज फेडरेशन, इंडियन नैश्नल बैंक आफिसर्स कांग्रेस, नेशनल आग्रेनाइजेशन आफ बैंक वर्कर्स और इंडियन आग्रेनाइजेशन आफ बैंक आफिसर्स का समर्थन प्राप्त है।
आज चंडीगढ़ प्रैस कल्ब में आयोजित एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुये यूनाईटिड फोरम आफ बैंक यूनियन के चंडीगढ़ स्थित संयोजक संजय कुमार शर्मा ने बताया कि बैंक कर्मियों और अधिकारियों की वेज और सर्विस कंडीशन द्विपक्षीय समझौते द्वारा शासित होते हैं। यह कंडीशंस इंडियन बैंक्स एसोसिएशन के साथ वार्ता से उत्पन्न निष्कर्ष और यूनियन द्वारा सबमिट मांगों के आधार हर पांच वर्षो में रिवाइज्ड की जाती है। अंतिम सेटेलमेंट नंवबर 2012 से अक्तूबर 2017 तक का हुआ था जबकि मौजूद वेज रिविजन नवंबर 2017 से लंबित है।
सैटेलमेंट संबंधी बीते अनुभवों को ध्यान में रखते हुए, वित्त मंत्रालय के डिपार्टमेंट आफ फाईनैंश्यिल सर्विसिस ने जनवरी 2016 में किये अपने पत्राचार के माध्यम से सभी बैंक मैनेजमेंट्स और आईबीए को सलाह दी थी कि प्रक्रिया में तेजी लाये और नवंबर 2017 से पहले 11वें वेज सेटेलमेंट का निपटारा करें। इस दिशा में यूनियनों ने भी काफी पहले अपना मांग पत्र रखा और इस दिशा में मई 2017 से अपने रुख में तेजी दिखाई। दुर्भाग्यवश आईबीए ने मई 2018 तक कोई कार्यावाही नही की जिसके बाद मात्र दो फीसदी के ईजाफे की पेशकश की। गत तीस महीनों से वार्ताओं का दौर चलने के बाद आईबीए ने 12.25 फीसदी की बढ़ोतरी की जो कि सरकार द्वारा 15 फीसदी के पारित बढ़ोतरी से कम है।
बढती मंहगाई और बैंकों में बढ़ रहे वर्क लोड का हवाला देते हुये संजय कुमार शर्मा ने बताया कि यूनियन के यह मांग बिल्कुल मान्य है। बैंक कर्मियों में व्यापक रोष व्याप्त है परन्तु आईबीए अपने रवैये से टस से मस नहीं हो रहा है।
उन्होंने बताया कि यूनियन के अपने अंतिम प्रयास में बीते कल 27 जनवरी का नई दिल्ली स्थित चीफ लैबर कमीशन ने इस गतिरोध पर हस्तक्षेप किया और आईबीए के साथ कर बैठक की परन्तु आईबी अपने जिद्द पर अड़ा रहा जिसके चलते मजबूर होकर यूनियन को देश व्यापी हड़ताल के लिये उतरना पड़ा। संजय कुमार शर्मा ने पांच दिन की बैंकिंग, स्पेशल अलोएंस के साथ बेसिक पे, न्यू पैंश्न स्कीम को खत्म करने, फैमिली पैंशन में सुधार, स्टाफ वैल्फेयर फंड के आवंटन आदि मांगों पर भी विस्तार से चर्चा की।
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