प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रतिष्ठित बुनकर और पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त बिरेन कुमार बसाक के साथ अपनी बातचीत को याद किया और उनके द्वारा दिए गये उपहार के लिये धन्यवाद दिया।
एक ट्वीट में प्रधानमंत्री ने कहा है –
“श्री बिरेन कुमार बसाक पश्चिम बंगाल के नदिया के रहने वाले हैं। वे प्रतिष्ठित बुनकर हैं, जो अपनी साड़ियों में भारतीय इतिहास और संस्कृति के विभिन्न पहलुओं को दर्शाते हैं। पद्मश्री पुरस्कार विजेताओं से बातचीत के दौरान, उन्होंने मुझे कुछ ऐसा उपहार दिया, जिसने मेरा मन मोह लिया।”
बिरेन कुमार बिसाक एक समय में गलियों में फेरी लगा कर साड़ी बेचा करते थे और उनकी रोजाना की कमाई महज 2.50 रुपये थी। बिरेन का जन्म 16 मई 1951 को हुआ, वह कोलकाता के नादिया जिले के रहने वाले हैं और पेशे से साड़ी बुनने का काम करते हैं, शुरुआती दिनों में वह कंधे पर साड़ियों का गट्ठर लाद कर कोलकाता की गली में घूम कर साड़ी बेचा करते थे। आज वह करोड़ों रुपये के मालिक हैं, लेकिन एक समय था जब वह एक बुनकर के यहां 2.50 रुपये दिहाड़ी पर साड़ी बुनने का काम किया करते थे।
आखिर बिरेन की मेहनत ने रंग दिखाया और कड़े संघर्ष के बाद उन्होंने अपनी साड़ी कंपनी ‘बसाक एंड कंपनी’ स्थापित की। आज इसका टर्न ओवर 50 करोड़ रुपये का है, उन्होंने साड़ी पर रामायण के सात खंड लिखे थे, जिसके लिए ब्रिटिश यूनिवर्सिटी ने उन्हें डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया था. उन्होंने 1996 में इस साड़ी को तैयार किया था. जो 6 गज की है, धागों में रामायण उकेरने की तैयारी में उन्हें एक साल लग गया था, जबकि उसे बुनने में उन्हें लगभग 2 साल लगे थे।
बसाक की छह गज की साड़ी पर यह जादुई कलाकृति उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार, नेशनल मेरिट सर्टिफिकेट अवार्ड एवं संत कबीर अवार्ड भी दिला चुकी है, उनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड, इंडियन बुक ऑफ रिकार्ड्स और वर्ल्ड यूनीक रिकार्ड्स में भी दर्ज है।
मुंबई की एक कंपनी ने 2004 में बसाक को रामायण के सात खंड लिखी हुई साड़ी के बदले में आठ लाख रुपये देने की पेशकश की थी, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया था। साड़ी पर रामायण उकेरने के बाद अब बसाक गुरु रबींद्रनाथ ठाकुर के जीवन को उकेरने तैयारी कर रहे हैं।
राष्ट्रपति भवन में बीते सोमवार को फिल्म निर्माता करण जौहर, एकता कपूर, अभिनेत्री कंगना रनौत, टेलीविजन एवं फिल्म अभिनेत्री सरिता जोशी, पार्श्व गायक सुरेश वाडकर और संगीतकार अदनान सामी सहित 61 व्यक्तियों को वर्ष 2020 के लिए देश का चौथा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म श्री प्रदान किया गया था।
राष्ट्रपति कार्यालय के अनुसार, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 73 व्यक्तियों को पद्म पुरस्कार प्रदान किए, जिनमें से कुछ को मरणोपरांत सम्मानित किया गया, इनमें वर्ष 2020 के लिए चार पद्म विभूषण, आठ पद्म भूषण और 61 पद्म श्री पुरस्कार शामिल हैं।
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