चंडीगढ़, 14 फरवरी । पंजाब सरकार द्वारा राज्य के लोगों पर अतिरिक्त भार डालते हुए सरकारी अस्पतालों में दी जाने वाली मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाओं को शुक्रवार से बंद कर दिया गया है। आज सुबह सरकारी अस्पतालों में पहुंचे रोगियों को उस समय भारी मायूसी हुई जब चिकित्सकों व पैरामेडिकल स्टाफ ने उन्हें बिल थमाने शुरू कर दिए। पंजाब सरकार के इस फैसले पर विपक्षी राजनीतिक दल आम आदमी पार्टी ने आक्रामक होकर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है।
पंजाब के सभी सरकारी अस्पतालों में 24 घंटे आपातकालीन सेवाओं के तहत दाखिला पर्ची, खून की जांच समेत कई तरह के टैस्ट मुफ्त किए जाते हैं। इसके अलावा पंजाब के अस्पतालों में एक से पांच वर्ष तक की लड़कियों को मुफ्त उपचार सुविधाएं प्रदान की जाती हैं।
राज्य सरकार ने एक आदेश जारी करते हुए आज से यह सभी सुविधाएं बंद कर दी हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा पंजाब के सभी जिला सिविल सर्जनों को जारी किए गए पत्र में कहा गया है कि 14 फरवरी से पंजाब के अस्पतालों में उपचार के लिए आने वाले रोगियों के लिए पहले से जारी स्वास्थ्य सुविधाओं को बंद करते हुए फीस वसूल की जाए। इस फैसले के पीछे पंजाब सरकार का क्या उद्देश्य है यह तो अभी साफ नहीं हो सका है लेकिन विपक्षी राजनीतिक दल आम आदमी पार्टी आक्रामक हो गई है और सरकार को घेरना शुरू कर दिया है।
पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि पंजाब सरकार के इस फैसले से राज्य में गरीब व मध्यमवर्गीय लोगों को भारी परेशानी होगी। क्योंकि सरकारी अस्पतालों में यही वर्ग उपचार के लिए आता है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी इस मुद्दे पर सरकार को विधानसभा में घेरकर फैसला वापस करवाने के लिए पूरा प्रयास करेगी।
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