हरियाणा के डिप्टी स्पीकर श्री रणबीर सिंह गंगवा ने कहा कि अमर सेनानियों के बलिदानों से हमें गणतंत्र दिवस मनाने का गौरवशाली अवसर प्राप्त हुआ है। आज ही के दिन 1950 में हमारा संविधान लागू हुआ था, जिससे हम सभी को न्याय स्वतंत्रता और समानता का अधिकार मिला। इस पुनीत अवसर पर बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर के साथ-साथ संविधान सभा के सभी सदस्यों को नमन करता हूं। यह ऐतिहासिक दिन देशवासियों को एक मजबूत राष्ट्र के रूप में आगे बढ़ने के लिए साहस और प्रेरणा देता है। डिप्टी स्पीकर श्री गंगवा कैथल स्थित पुलिस लाइन मैदान में आयोजित 75 वें जिला स्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह में बतौर मुख्यातिथि ध्वज फहराने उपरांत बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि यह दिन हमें भारत गणराज्य की स्थापना की याद दिलाता है। इस दिन हम उन महापुरुषों को भी याद करते हैं, जिन्होंने भारत को स्वतंत्रता दिलवाने और भारतीय संविधान को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इनकी बदौलत ही भारत आज एक गणराज्य देश कहलाता है। महात्मा गांधी, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, लाला लाजपत राय, सरदार वल्लभ भाई पटेल और लाल बहादुर शास्त्री, पंडित दीनदयाल उपाध्याय जैसे महापुरुषों और स्वतंत्रता सेनानियों ने देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। हमारे महान भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने भारत में ”पूर्ण स्वराज” के लिए लंबे समय तक संघर्ष किया है। उन्होंने ऐसा इसलिए किया ताकि उनकी आने वाली पीढ़ियां किसी की गुलाम बनकर न रहे और स्वतंत्र रूप से अपने अधिकारों का निर्वहन कर सके।
उन्होंने कहा कि देशवासियों को सामाजिक समरसता तथा जन प्रतिनिधित्व का अधिकार मिला है। स्वतंत्रता के बाद से ही भारत दुनिया में एक बड़ी ताकत के तौर पर अपनी पहचान बनाने में कामयाब रहा है। इसका श्रेय हमारे उन राजनेताओं को, यहां के कर्मठ किसान-मजदूरों को, कारीगरों को तथा साईंसदानों को जाता है जिन्होंने दिन-रात एक करके इस देश को विकास की गति प्रदान की। आज हमारा भारत देश प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में चहुंमुखी प्रगति कर रहा है। उन्हीं के प्रयासों के फलस्वरूप 22 जनवरी, 2024 को अयोध्या के राम मंदिर में भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम हुआ है, जिससे पूरे देश में उमंग और उत्साह दिखाई दिया।
डिप्टी स्पीकर रणबीर सिंह गंगवा ने कहा कि हरियाणा ने भी प्रदेश के सामाजिक-आर्थिक विकास को नए आयाम प्रदान किये हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य एवं खेलों में हमने नई ऊंचाइयों को छूआ है। हमारी कितनी ही नीतियों और योजनाओं का देश के दूसरे राज्य अनुसरण कर रहे हैं। आज भी हरियाणा के नौजवान सेना में भर्ती होना अपनी शान समझते हैं। यही कारण है कि आज भारतीय सेना का हर दसवां जवान हरियाणा प्रदेश से है। सरकार ने युद्ध के दौरान शहीद हुए हरियाणा के सैनिकों और अर्ध-सैनिक बलों के जवानों की अनुग्रह राशि 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये कर दी है। इसी प्रकार, आई.ई.डी. ब्लास्ट में शहीद होने पर भी अनुग्रह राशि 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये की गई है। अब तक शहीदों के 367 आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी भी प्रदान की गई है।
उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल बनाकर किसान कल्याण की अनेक योजनाओं को इससे जोडा गया है। बागवानी व पशुपालन विभाग की विभिन्न स्कीमों का लाभ किसानों तक पहुंचाया गया है। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 14 फसलों की खरीद करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य है। हरियाणा के औद्योगिक विकास को गति देने के लिए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस का एक इको-सिस्टम तैयार किया है।
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