वक़्त बे वक़्त याद उसे करते रहे हिज्र की लो मैं ख़ुद को पिगलाते रहे ना मंज़िल-ए-ख़्वाब मालूम हमे रहे भूल हम से कुछ... Read More
Dard Shayari In Hindi
ना जाने कौन हमारे पास से हो कर गुज़रा बंद पड़े दिल को उम्मीद तो दे के गुज़रा साँसे भी चल पड़ी है उसे आते... Read More
क़तार में खड़े है कब से हम ना जाने किस के लिए बस यूँ ही उनकी दीद के लिए इंतज़ार के पलों को बहला रहे... Read More
ज़िंदगी के इस सफ़र में चैन लौट के आ रहा है आँखों में फिर से नींद का जोख़ा आ रहा है नशा-ए-इश्क़ में क़ुर्बान कर... Read More
हम बोलते भी है तो अक्सर लगता है चिलाते है दिल-ए-दर्द की आवाज़ों को इस कदर दबाते है अर्ज़ करते है उनसे कभी तो हमे... Read More
उनके दर के दरवेश बने रहे हम इस भूल में वो हमे ख़ुद से भी ज़ायदा चाहेंगे इस भूल में ता’अबुब करते रहे हम जिस... Read More
ख़ामोश रहे वो जो जान कर भी अंजान बने रहे दो पल के सफ़र में वो हमारी हालात-ओ-हालत देखते रहे चेहरा दुखी हमारा देख के... Read More
ना जाने कौन से उज़्र लगाते थे अंजानों से असली चेहरा छिपा कर रखते थे अंजानों से क़तार ऐसे ही नहीं लगती उनके चाहने वालों... Read More
दिल नहीं लगता अब हमारा तो हमे इसआफ़ाक़ से जुदा करा दो सहन नहीं होता अकेलापन अब हमारा किसी से राबता करा दो सज़ा बेशक... Read More
थोड़ा ही सही सफ़र तो किया अजनबी के साथ राबता तो किया हौंसला ना हुआ हमसे उनकी निस्बत में जाने का डर लगा रहा फिरसे... Read More
साथ हमारे रह कर भी दूर हम से रहे उनके होते हुए भी अकेले पन से नाता हम जोड़ते रहे अरसा हो गया हसरत-ए-दीद में... Read More
वो लफ़्ज़ कहा से लाऊ जो उन्हें समझ आ सके वो दिल कहा से लाऊ जिस पे वो राज कर सके उनके फ़रेब में इस... Read More
इश्क़ की तिशनगी हमे इस कदर लग गई हिकायत हमारी निसाब पर लिखी रह गई जफ़ा में रहे हुए क़वाम ना माँग पाये अपने लिए... Read More
उनकी उल्फ़त के उरूज में रहे हम ता उम्र फिर भी इसज़िंदगानी में हरुज़ से दूर रहे हम ता उम्र उनकी निगह-ए-सोख भी हम पर... Read More
इल्ज़ाम हम पे कुछ ऐसा लगा हुआ है तसरीह में ज़िंदगी का उलजना लगा हुआ है लफ़्ज़ों के जाल में नहीं उलझे कभी हम उनकी... Read More
इत्र वो नये नये लगाते थे दोखे की बदबू को छिपा कर रखते थे अनजान को अपना बनाकर मारने के लिए छोड़ देते थे हस्त-ओ-बस्त... Read More
ज़िंदगी आधी बीता दी उनके इंतज़ार में लहू का रंग भी फ़ीका पड़ गया हिज्र की आग में अब तो एहसान बारिश करती है कब... Read More
धड़कन कैसे रुकती है मालूम हमे हो गया अकेले रहना कैसा लगता है उनका साथ जो छूट गया मक़ूफ़ रहे जिस पे ता उमर रंज... Read More
एसा किसी के साथ ना हो जो हुआ मेरे साथ आधी रात को आंसुओं से चेहरा धोना पड़ा है आधी रात को वो याद ही... Read More
दिल-ए-दरिया मैं आग सुलझी हुई है कम उम्र मैं यह गुस्ताखी हम से हुई है जिसे हम अपना समजतें थे वो ही दूर हम से... Read More
क्या सही में जानते है लोग हमे हमारे बारे मैं अच्छा नहीं है बस यह जूठ ही तो जानते है पता करो हमारे बारे... Read More
एक गुनहा फिर से करना है शहर-ए-इश्क़ में फिर से घूमना है आख़िर कही से तो हमे सकून मिलेगा टूटे दिल का इलाज फिर से... Read More