वक़्त बे वक़्त याद उसे करते रहे हिज्र की लो मैं ख़ुद को पिगलाते रहे ना मंज़िल-ए-ख़्वाब मालूम हमे रहे भूल हम से कुछ... Read More
Sad Shayari In Hindi
ज़िंदगी के इस सफ़र में चैन लौट के आ रहा है आँखों में फिर से नींद का जोख़ा आ रहा है नशा-ए-इश्क़ में क़ुर्बान कर... Read More
उनके दर के दरवेश बने रहे हम इस भूल में वो हमे ख़ुद से भी ज़ायदा चाहेंगे इस भूल में ता’अबुब करते रहे हम जिस... Read More
ना जाने कौन से उज़्र लगाते थे अंजानों से असली चेहरा छिपा कर रखते थे अंजानों से क़तार ऐसे ही नहीं लगती उनके चाहने वालों... Read More
एक गुनहा फिर से करना है शहर-ए-इश्क़ में फिर से घूमना है आख़िर कही से तो हमे सकून मिलेगा टूटे दिल का इलाज फिर से... Read More